“संघे शक्ति कलयुगे”

“विद्या ददाति विनियम’

विश्व हिंदी संगठन एक ऐसा संगठन है जिसमें सम्पूर्ण भारत वर्ष से हिंदी प्रेमी निःस्वार्थ भाव से एवं पूर्ण निष्ठा से निरंतर हिंदी भाषा की सेवा एवं प्रचार-प्रसार कर रहे हैं | हिंदी के स्वाभिमान व सम्मान की बात यहां की जाती है। यह संगठन बड़ी तेजी से आभासी पटल के माध्यम से फल-फूल रहा है | 

विश्व हिंदी संगठन के माध्यम से हिंदी भाषा, समस्त हिंदुस्तानी भाषाओं और बोलियों, लुप्त प्राय होती भाषा व बोली, प्रांतीय भाषाएं, लोक भाषा आदि को उनसे जुड़ी संस्कृति व साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है। हिंदी भाषा का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है – कहानी, कविता, अनुवाद, सिनेमा, विज्ञापन, साक्षात्कार,पत्रकारिता व अन्य साहित्यिक विधाओं से संबंधित कार्य भी निरंतर संपादित किए जा रहे हैं।

सम्पूर्ण भारत वर्ष से जुड़े इस संगठन के सभी सक्रिय सदस्य आभासी पटल के माध्यम से बड़ी निष्ठा से निरंतर इन सभी कार्यों में संलग्न है | इस प्रकार भारतीय साहित्य, संस्कृति व भाषाई अस्मिता के लिए बहुत ही निश्चल आत्मीयता एवं पारदर्शिता के साथ निरंतर यह संगठन कार्य कर रहा है।

डॉ. अलोक रंजन पाण्डेय